लेखनी कहानी -12-Feb-2023
मेरे ख़्वाब
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माँ आजकल तुम बहुत ही बिजी हो।
ये कमेन्ट और लाइक में जो घिरी हो।
यूट्यूब पर भी सब्सक्राइब बड़ा रही हो।
इनसटागाम पर भी रीले घूमा रही हो।
ये टेलीग्राम तक तो छोड़ा नही तुमने।
ट्विटर को ही क्यूँ इंतजार करा रही हो।
फेसबुक पर दो आई-डी बना कर बैठी हो।
इन मंचों की तशरीफ़ नीचे दबाए बैठी हो।
अभी तक तो ये थे बस बिटिया के ताने,
लगा मुझ अब यू कि बैठे हैं सब ही सुनाने।
धीमी सी आवाज फिर पतिदेव की आई।
डार्लिंग तुम ऑनलाइन, क्यूँ इतना हो छाई।
जरा सोचो तो हमारे और घर के बारे में।
सारे रिश्तेदार बातें बना रहे तुम्हारे बारे में।
इतने में बेटे ने भी आकर मुझको पुकारा।
अब उसने भी मुझे नए नामों से है दुलारा।
मेरे बुलाने से पहले ही हाजिर रहती थी माँ ।
अब फोन करके पूछना पड़ता है कहाँ हो माँ।
मेरी सभी प्रॉब्लम का हल करती थी तुम।
अब जवाबो को ढूंढने-ढूंढते हो गया हूँ गुम।
ये देख सासूमाँ ने भी,आँखों पे चश्मा चढ़ाया।
अचम्भा हुआ, जब उन्होंने मुझे गले से लगाया।
आजतक इसने हमारी हर जरुरत को है माना।
आओ मिल कर बुने इसकी चाहतों का बाना।
सोच से परे जाकर ये पल जिंदगी में आया।
इस ख्याल से ही मन गदगद हो मुस्कराया।
कमरें की चुप्पी को, दीवारों ने भी सुन लिया था।
इन आंखों की नमी को मानो सबने पढ़ लिया था।
😊😊😊😊😥😥😊😊😊😊😊😊😊
Alka jain
14-Feb-2023 12:32 PM
बेहतरीन
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Abhinav ji
13-Feb-2023 08:32 AM
Very nice 👌
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Ekta Singh
13-Feb-2023 05:56 PM
Thankyou
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Gunjan Kamal
12-Feb-2023 11:37 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Ekta Singh
13-Feb-2023 05:56 PM
Thankyou
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